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Showing posts from May, 2016

गाडियो के नंबर की महत्पूर्ण जानकारी

जानिये कौन सी गाड़ी किस शहर की है। एक बहुत महत्वपूर्ण मैसेज। उत्तर प्रदेश के शहरों के व्हीकल यूनिक नंबर:- → UP-11 : Saharanpur UP-12 : Muzaffarnagar UP-13 : Bulandshahr UP-14 : Ghaziabad UP-15 : Meerut (UP-15AT for taxis, UP-15AG for government vehicles UP-16 : NOIDA / Gautam Buddha Nagar UP-17 : Baghpat UP-18 : Prabudh Nagar UP-20 : Bijnor UP-21 : Moradabad UP-22 : Rampur UP-23 : Jyotiba Phule Nagar UP-24 : Badaun UP-25 : Bareilly UP-26 : Pilibhit UP-27 : Shahjahanpur UP-28 : Ayodhya UP-29 : to be alloted UP-30 : Hardoi UP-31 : Kheri UP-32 : Lucknow UP-33 : Raebareli UP-33T, AT, BT, CT & so on : Raebareli for commercial vehicles UP-33G, AG, BG, CG & so on : Raebareli for government vehicles UP-34 : Sitapur UP-35 : Unnao UP-35B, H, T : Unnao for commercial vehicles UP-36 : Amethi UP-37 : Hapur UP-40 : Bahraich UP-41 : Barabanki UP-42 : Faizabad UP-43 : Gonda UP-44 : Sultanpur UP-45 : Ambedkar Nagar UP-46 : Shrawasti UP-47 : Balrampur UP-

हार का कारण

"युवा समाज सुधारक संघ" रावण जब रणभूमि में मृत्युशय्या पर अंतिम सांसे ले रहा था तब उसने श्री राम से कहा- 🏆'राम मैं तुमसे हर बात में श्रेष्ठ       हूँ। 🏆जाति मेरी ब्राह्मण हैं, जो तुमसे      श्रेष्ठ है। 🏆आयु में भी तुमसे बड़ा हूँ। 🏆मेरा कुटुम्ब तुम्हारे कुटुम्ब से      बड़ा है। 🏆मेरा वैभव तुमसे अघिक हैं। 🏆तुम्हारा महल स्वर्णजड़ित है      परन्तु मेरी पूरी लंका ही स्वर्ण      नगरी है। 🏆मैं बल और पराक्रम में भी तुमसे      श्रेष्ठ हूँ। 🏆मेरा राज्य तुम्हारे राज्य से      बड़ा है। 🏆ज्ञान और तपस्या में तुमसे श्रेष्ठ      हूँ। 🏆इतनी श्रेष्ठताओं के होने पर भी      रणभूमि में मैं तुमसे परास्त हो      गया। 👉👉सिर्फ इसलिये कि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है, और मेरा भाई मेरे खिलाफ..............???? 🙏 बिना भाई के साथ के जब रावण हार सकता है तो हम किस घमंड में है ..? सदा साथ रहिये  सदा विजय रहिये ...... सभी को कोशिश करनी चाहिए की कभी परिवार टूटे नही। अंदरुनी एकता बनाये रखो । क्योकि- ''किसी भी पेड़ के कटने का किस्सा न होता, अगर कुल्हाड़ी के पीछे लक

मुस्कराहट

"युवा समाज सुधारक संघ" अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी। . . . . अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वासदोगुना हो जायेगा। . . . . . . जब आप मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा। . . . . अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा। . . . . अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा। . . . . कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी। . . . 1.मुस्कुराइए, क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है। 2.मुस्कुराइए, क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी। 3.मुस्कुराइए, क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा। 4.मुस्कुराइए,

सच्ची मित्रता

"युवा समाज सुधारक संघ" 🚶🏽सच्ची मित्रता 🏃🏿 💞💞💞💞💞💞 ✨पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया.. जब दूध ने पानी का त्याग देखा तो उसने कहा- मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे स्वरुप को धारण किया है.... अब मैं भी मित्रता निभाऊंगा और तुम्हे अपने मोल बिकवाऊंगा। दूध बिकने के बाद जब उसे उबाला जाता है तब पानी कहता है.. अब मेरी बारी है मै मित्रता निभाऊंगा और तुमसे पहले मै चला जाऊँगा.. दूध से पहले पानी उड़ जाता है जब दूध मित्र को अलग होते देखता है तो उफन कर गिरता है और आग को बुझाने लगता है, जब पानी की बूंदे उस पर छींट कर उसे अपने मित्र से मिलाया जाता है तब वह फिर शांत हो जाता है। पर इस अटूट प्रेम में.. थोड़ी सी खटास- (निम्बू की दो चार बूँद) डाल दी जाए तो दूध और पानी अलग हो जाते हैं.. थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम, रिश्ते को भी मिटा सकती है। रिश्ते में.. खटास मत आने दो॥ "क्या फर्क पड़ता है, हमारे पास कितने लाख, कितने घर, कितनी जमीन हैं, खानी तो बस दो ही रोटी है। जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है। तो फिर इतना अंहकार और  घमण्ड किस लिए, ना कुछ

महत्पूर्ण जानकारी

"युवा समाज सुधारक संघ" महत्वपूर्ण जानकारी *दोस्तो* @@@ आजकल हम सभी के पास महंगे _मोबाइल फोन_ होते है ।अगर आपका *फोन*  गुम हो जाता है तो आप उसे वापस कैसे  पा सकते है । इसी विषय पर एक *रोचक जानकारी* साझा कर रहा हूं । प्रत्येक *मोबाइल* का *IMEI(International Mobile Equipment Identity) no.* होता है । इसके माध्यम से आप *विश्व* में कही भी अपना *मोबाइल ट्रैक* कर सकते है । यह कैसे काम करता है :- 1. अपने फोन से _*#06#_डायल करें । 2. आपका फोन  *15 अंको* का एक *युनिक कोड*दिखाएगा । 3.  इसे संभाल कर कहीं लिख लें, फोन मे न सेव करें । 4.  अगर आपका फोन गुम हो जाए तो इस नम्बर को नीचे लिखी डिटेल के साथ _*cop@vsnl.net*_ पर ईमेल कर दें । *Your name*:-__________ *Address* :- ______________ *Phone model* :-__________ *Make* :-___________ *Last used no.* :-__________ *Email for *communication*:_______ *Missed date*:- __________ *IMEI no* :- __________ 5.  *पुलिस*मे जाने की जरूरत नही । 6.  आपका फोन अगले चौबीस घंटो मे  *जीपीआरएस* के जरिए ट्रैक हो जाएगा ।और आपका हैंडसेट आपका नंबर ब

सुविचार

जब तक Parents , अपने बच्चों में उनके अध्यापकों के प्रति श्रद्धा सम्मान का बीज नहीं डालेंगे तब तक बच्चों में अध्ययन के प्रति और विद्यालय के प्रति भी सम्मान का भाव नहीं पनपेगा ,, परिणामत: ऐसे छाञ अध्ययन के माध्यम से वो मुकाम हासिल करने में असफल होगे जो कि वो श्रद्धा सम्मान का भाव रखते हुए पा सकते थे ॥ । । अनुशासन , मान सम्मान श्रद्धा का भाव घर से ही आरम्भ होता है , जो बाहर समाज संसार में सफलता पाने में सहायक होता है । । हम सब अभिभावकों की एक बहुत बङी जिम्मेवारी है ये बच्चों और समाज के प्रति

सुविचार

जिस प्रकार बर्फी बनाते हुए हलवाई की कढाई में पङी मक्खी भी बर्फी बन जाती है जिस प्रकार चाय वाले की बीङी का गुल चाय में गिरकर चाय में परिवर्तित हो जाता है । ठीक उसी प्रकार ...... . . .. . ..सज्जनों का साथ करने से मनुष्य भी शनै शनै सज्जन हो जाता है। । इसलिए बाहर का खाते हुए सावधानी बरतें ॥ जनहित में जारी

सुविचार

वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकर सब लोग बेटो को ही कोसते है, लेकिन दुनिया वाले ये कैसे भूल जाते हैं की वहा भेजने मे किसी की बेटी का ही अहम रोल होता है..! वरना लोग अपने माँ बाप को शादी के पहले ही वृद्धाश्रम क्यों नही भेजते। संस्कार बेटियों को भी दें ताकि कोई बेटों को ना कोसे।

मेरी कलम से

-मेरी कलम से दूर चला गया वो जमाना जब लोग कहते थे हमारे यहाँ रुक कर जाना। वो पुरानी यादें वो पुरानी बातें अच्छे संस्कार, वो बड़ो का प्यार। एक याद बना है सीने में, अब कहाँ मज़ा है जीने में। ना वो संस्कार है ना वो सत्कार है आज के इंसान को बस पैसे से प्यार है। ना कोई पूछता है हाल बिना मतलब के, ये सब समय की चाल है। सच में दूर चला गया वो जमाना। कुछ ऐसा मेरा ख्याल है ✍🏻अनिकेत तोमर Yuva-ss-sangh.blogspot.com

युवा समाज सुधारक संघ

*"युवा समाज सुधारक संघ"* जिला कार्यालय -बिजनौर         _कार्यकारिणी_ अध्यक्ष - अनिकेत तोमर जी उपाधियक्ष - शलभ ठाकुर जी जिला मंत्री - देवेन्द्र सिंह जी उपजिला मंत्री - सुबोध चौहान जी महामंत्री - गौरव शर्मा जी उपमहामंत्री - उज्जवल वर्मा जी सलहाकार - अवनीश कुमार जी संगठन मंत्री - शैलेन्द्र जी संचालक - नितिन अग्रवाल (कार्यकारणी के सदस्य) सदस्य :- आशीष जी अंकित जी अंकुर जी जीवन जी डॉ0 विपिन जी सतेंद्र अहलावत जी उमेश जी कुलदीप जी कमल जी देवेन्द्र अहलावत जी व अन्य (अन्य पद के लिये पदाधिकारी अभी चुने जा रहे है। आप मे से कोई भी हो सकते है।आपके विचारो ~तथा पदाधिकारियों के विचार विमर्श~ से संघ में कुछ बदलाव  किया जा सकता है) *प्रिये साथियोंआप सभी को मेरा नमस्कार। हमारा संघ एक ऐसा संघ है, जो आज के नवयुवको को सही राह दिखायेगा । ये ग्रुप नही एक संघ हैआपने सुना होगा *"संघे शक्ति कलयुगे।"* _अर्थात-कलयुग में संघ में ही शक्ति है।_ और यहाँ सिर्फ समाज सुधारक बातों पर विचार विमर्श किया जायेगा। सभी से विनम्र निवेदन है कि कृपया नये नये सुझाव दे। कि कैसे हम इ

कमाई, किसके लिए

"युवा समाज सुधारक संघ" एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करती थी ! गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के भी खूब खुश थी क्यों कि उसके मालिक, जंगल के राजा शेर नें उसे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रक्खा था ! गिलहरी काम करते करते थक जाती थी तो सोचती थी कि थोडी आराम कर लूँ ,वैसे ही उसे याद आता,कि शेर उसे दस बोरी अखरोट देगा – गिलहरी फिर काम पर लग जाती ! गिलहरी जब दूसरे गिलहरीयों को खेलते देखती थी तो उसकी भी ईच्छा होती थी कि मैं भी खेलु पर उसे अखरोट याद आ जाता,और वो फिर काम पर लग जाती ! ऐसा नहीं कि शेर उसे अखरोट नहीं देना चाहता था, शेर बहुत ईमानदार था ! ऐसे ही समय बीतता रहा…. एक दिन ऐसा भी आया जब जंगल के राजा शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट दे कर आजाद कर दिया! गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी कि अब अखरोट मेरे किस काम के ? पूरी जिन्दगी काम करते – करते दाँत तो घिस गये, इन्हें खाऊँगी कैसे ! यह कहानी आज जीवन की हकीकत बन चुकी है ! इन्सान अपनी ईच्छाओं का त्याग करता है, पूरी जिन्दगी नौकरी, व्योपार, और धन कमाने में बिता देता है !

मौका दोबारा नही मिलता

एक बार एक गरीब किसान एक अमीर(Rich) साहूकार के पास आया, और उससे बोला कि आप अपना एक खेत एक साल के लिए मुझे उधार दे दीजिये। मैं उसमें मेहनत से काम करुँगा, और अपने खाने के लिए अन्न उगाऊंगा। अमीर(Rich) साहूकार बहुत ही दयालु व्यक्ति था। उसने किसान को अपना एक खेत दे दिया, और उसकी मदद के लिए 5 व्यक्ति भी दिए। साहूकार ने किसान से कहा कि मैं तुम्हारी सहायता के लिए ये 5 व्यक्ति दे रहा हूँ, तुम इनकी सहायता लेकर खेती करोगे तो तुम्हे खेती करने में आसानी होगी। साहूकार की बात सुनकर किसान उन 5 लोगों को अपने साथ लेकर चला गया, और उन्हें ले जाकर खेत पर काम पर लगा दिया। किसान ने सोचा कि ये 5 लोग खेत में काम कर तो रहे हैं, फिर मैं क्यों करू? अब तो किसान दिन रात बस सपने ही देखता रहता, कि खेत में जो अन्न उगेगा उससे क्या क्या करेगा, और उधर वे पाँचो व्यक्ति अपनी मर्जी से खेत में काम करते। जब मन करता फसल को पानी देते, और अगर उनका मन नहीं करता, तो कई दिनों तक फसल सुखी खड़ी रहती। जब फसल काटने का समय आया, तो किसान ने देखा कि खेत में खड़ी फसल बहुत ही ख़राब है, जितनी लागत उसने खेत में पानी और खाद डालने में लगा दी खेत

रोचक जानकारी 16

आज के दौर में देखने को मिलता है कि बहुत से लोग मोटापे के शिकार हैं। आज के समय में मोटापा कोई मामूली चीज़ ना रहकर भयंकर बीमारी का रूप लेता जा रहा है। हममें से कितने ही लोग ऐसे हैं जो मोटापे से ग्रषित हैं और फिर से पहले की तरह पतले होना चाहते हैं। कुछ लोग तो मोटापे की वजह से हीन भावना का शिकार हो जाते हैं वहीँ कुछ लोगों का आत्मविश्वास कम होने लगता है। देखा जाये तो मोटापा एक genetic प्रॉब्लम भी हैं मतलब अगर आपके पेरेंट्स को भी मोटापा था तो काफी उम्मीद है कि आप भी इसके शिकार होंगे। अगर आप सच में मोटापे से दूर रहना चाहते हैं तो इसके लिए आपको काफी कुछ त्याग करना होगा। अपना फेवरेट खाना पिज़्ज़ा, बर्गर और आइसक्रीम आदि को बंद करना होगा और हरी सब्जियों को खाना होगा जो शरीर को सम्पूर्ण आहार प्रदान करती हैं। इसके साथ ही साथ आपको कुछ exercise भी करनी पड़ेगी और थोड़ा सब्र रखिये फिर वो दिन दूर नहीं जब आप भी फ़िल्मी हीरो हीरोइनों की तरह स्लिम और स्मार्ट दिखेंगे। क्यों होते हैं हम मोटापे का शिकार- 1. मोटापा बढ़ने की main वजह है पाचन क्रिया का सही ना होना। आपने अपने आस पास कई लोगों को देखा होगा जो आपसे बहुत

सुविचार

"युवा समाज सुधारक संघ" आज का विचार "उनका विश्वास मत करो जिनकी भावनाए वक्त के साथ बाल जाये, विश्वास उनका करो जिनकी भावनाए वैसी ही रहे जब आपका वक्त बदल जाये।" ✍🏻 अनिकेत तोमर

आदतें

एक बार की बात है किसी दूर गाँव में एक किसान रहता था जिसका एक बेटा था। यूँ तो वह बहुत धनी(Rich) था लेकिन किसान अपने बेटे की कुछ गन्दी आदतों से बहुत परेशान था, बहुत प्रयासों के बाद भी उसका बेटा बुरी आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं था। धनी किसान(Rich Farmer) बेटे को एक ऋषि के पास ले गया और ऋषि को सारी बात बताई। ऋषि ने किसान को विश्वास दिलाया कि वह उसके बेटे की सारी गन्दी आदतें छुड़ा देंगे। ऋषि बेटे को लेकर एक जंगल में गए वहाँ बहुत सारे पेड़ पौधे थे। ऋषि ने बच्चे से कहा जाओ एक छोटा नन्हाँ पौधा तोड़ के लाओ। बच्चा गया और बड़ी आसानी से एक छोटा पौधा तोड़ लाया। फिर ऋषि ने कहा- शाबाश, अब एक थोड़ा बड़ा पौधा उखाड़ कर लाओ। लड़का गया और एक बड़ा पौधा उखाड़ने की कोशिश करने लगा, उसने पूरी ताकत लगायी और पौधा जड़ सहित उखड़कर हाथ में आ गया। ऋषि ने कहा- ठीक है, अब ये एक अमरुद का पेड़ उखाड़ के दिखाओ। लड़का ख़ुशी ख़ुशी भाग के गया और फिर पूरी ताकत से पेड़ उखाड़ने में लग गया, लेकिन ये क्या पेड़ हिला तक नहीं, बच्चे ने फिर से पूरी ताकत लगायी लेकिन फिर असफल, कई बार प्रयास करके वो थक गया और ऋषि से बोला- इसको उखाड़ना तो असंभव है । अब ऋष

अमीर कौन?

सर एक कप दूध मिलेगा क्या ?? 6 माह के बच्चे की माँ ने 3 स्टार होटल मैनेजर से पूछा.....!! . . मैनेजर "हाँ, 100 रू.मेँ मिलेगा"..... "ठीक है दे दो" महिला ने कहा..... . जो पिकनिक के दौरान इस होटल मेँ ठहरी, सुबह जब गाड़ी मे जा रहे थे तो बच्चे को फिर भूख लगी, . गाडी को टूटी झोपड़ी वाली पुरानी सी चाय की दुकान पर रोका बच्चे को दूध पिला कर शांत किया.........! . दूध के पैसे पूछने पर बूढा दुकान मालिक बोला - "बेटी हम बच्चे के दूध के पैसे नहीं लेते, यदि रास्ते के लिए चाहिए तो लेती जाओ! . "बच्चे की माँ के दिमाग मे एक सवाल बार बार घूम रहा था कि अमीर कौन ?? . 3 स्टार होटल वाला, या टूटी झोपड़ी वाला?? . मिली थी जिन्दगी किसी के 'काम' आने के लिए.. . पर वक्त बित रहा है कागज के टुकड़े कमाने के लिए.. . क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..? ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..' . और ये मौत के फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते..

परिस्थितियां

एक बार एक अध्यापक बच्चों को कुछ सीखा रहे थे। उन्होंने एक छोटे बरतन में पानी भरा और उसमें एक मेंढक को डाल दिया। पानी में डालते ही मेंढक आराम से पानी में खेलने लगा। अब अध्यापक ने उस बर्तन को गैस पर रखा और नीचे से गर्म करना शुरू किया। जैसे ही थोड़ा तापमान बढ़ा तो मेंढक ने अभी अपने शरीर के तापमान को थोड़ा उसी तरह adjust कर लिया। अब जैसे ही बर्तन का थोड़ा तापमान बढ़ता तो मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी उसी तरह adjust कर लेता और उसी बर्तन में मजे से पड़ा रहता। धीरे धीरे तापमान बढ़ना शुरू हुआ, एक समय ऐसा भी आया जब पानी उबलने लगा और अब मेंढक की क्षमता जवाब देने लगी। अब बर्तन में रुके रहना संभव ना था। बस फिर क्या था मेंढक ने बर्तन से बाहर निकलने के लिए छलांग लगायी लेकिन अफ़सोस ऐसा हो ना सका। मेंढक अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद उस पानी से भरे बर्तन से नहीं निकल पा रहा था क्यूंकि अपने शरीर का तापमान adjust करने में ही वो सारी ताकत खो चुका था। कुछ ही देर में गर्म पानी में पड़े पड़े मेंढक ने प्राण त्याग दिए। अब अध्यापक ने बच्चों से पूछा कि मेंढक को किसने मारा तो कुछ बच्चों ने कहा – गर्म पानी ने…… लेकिन