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Showing posts from April, 2017

गरीब कौन?

"युवा समाज सुधारक संघ" एक अमीर आदमी अपने बेटे को लेकर गाँव गया, . ये दिखाने कि what is गरीबी : : : गाँव की गरीबी दिखाने के बाद बेटे से पूछा "देखा गरीबी..??" : : : बेटे ने जवाब दिया : हमारे पास 1 dog ........... उनके पास 10- 10 गाये है . हमारे पास नहाने का छोटा सा जगह है .. उनके पास. तालाब है . हमारे पास बिजली है.... उनके पास सितारे... . हमारे पास हवा मे' small place of .... उनके पास बडे बडे खेत...... . हम खाना डिब्बे का बासी खाते है.... वो उगा कर और ताजा तोडकर खाते है. . उनके पास अपने सच्चे मित्र है...... बस कंप्यूटर ही हमारा मित्र है . हमारे पास खुशियाँ खरीदने को पैसा है...... उनके पास खुशियाँ है पैसे की जरुरत ही नही . उनके पापा के पास बेटे के लिऐ समय है.... पापा आपके पास समय ...... नही है। : : : पापा एकदम चुप....चाप. . बेटे ने कहाँ ''Thanks पापा for showing me कि हम कितने गरीब है ।

उबंटू

"युवक समाज सुधारक संघ" उबुन्टु ( UBUNTU ) एक सुंदर कथा...!           ♈ उबुन्टु ऑपरेटिंग सिस्टम ( Ubuntu Operating System ) जानते हैं, किससे प्रेरित है इस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम ?  कुछ आफ्रिकन आदीवासी बच्चों को एक मनोविज्ञानी ने एक खेल खेलने को कहा। उसने एक टोकरी में मिठाइयाँ और कैंडीज एक वृक्ष के पास रख दिए। बच्चों को वृक्ष से 100 मीटर दूर खड़े कर दिया। फिर उसने कहा कि, जो बच्चा सबसे पहले पहुँचेगा उसे टोकरी के सारे स्वीट्स मिलेंगे। जैसे ही उसने, रेड़ी स्टेडी गो कहा..... तो जानते हैं उन छोटे बच्चों ने क्या किया ? सभी ने एक दुसरे का हाँथ पकड़ा और एक साथ वृक्ष की ओर दौड़ गए, पास जाकर उन्होंने सारी मिठाइयाँ और कैंडीज आपस में बराबर बाँट लिए और मजे ले लेकर खाने लगे। जब मनोविज्ञानी ने पूछा कि, उन लोगों ने ऐंसा क्यों किया ?    तो उन्होंने कहा---" उबुन्टु ( Ubuntu ) " जिसका मतलब है, " कोई एक व्यक्ति कैसे खुश रह सकता है जब, बाकी दूसरे सभी दुखी हों ? " उबुन्टु ( Ubuntu ) का उनकी भाषा में मतलब है, " मैं हूँ क्योंकि, हम हैं! " सभी पीढ़ियो

सुवचन

✍✍ *"गलती पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिलते है*                 पर *गलती पर समझा कर साथ निभाने वाले बहुत कम मिलते है*                                          🌹                        *"हमारी सभी अंगुलियां लंबाई में बराबर नहीं होती हैं,* *किन्तु जब वे मुड़ती हैं तो बराबर दिखती हैं..!!"* *इसी प्रकार यदि हम किन्हीं परिस्थितियों में थोड़ा सा झुक जातें है या तालमेल बिठा लेते हैं तो ज़िन्दगी बहुत आसान व् आनंदित हो जाती है।*🌹       *""सदा मुस्कुराते रहिये""* *🌹हँसते रहिये हंसाते रहिये🌹*                  *🐚☀🐚*              *🐾स्नेह वंदन🐾*               *🙏🏻सुप्रभात🙏🏻* *आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो🙏🏻*

एक विचार

*आज तो ये पढ़ना ही पड़ेगा चाहे कितना भी समय लगे।* आपको अपनी एक बात बताता हूँ। जब मैंने इस संघ को बनाने के बारे में सोचा । उस समय मै सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये जो नवयुवको की सोच में एक सदिश बदलाव लाये। उनको आगे बढ़ने को प्रेरित करे। उन्हें स्वरोजगारी बनाये। जीवन की हर विपरीत परिस्तिथि को झेलने की क्षमता उनको मिले। हर किसी को अपनी बात को कहने की आजादी हो, अगर किसी को कोई प्रिब्लेम आये तो तो संघ में साझा करें, संघ के सदस्ये उनकी समस्या का कोई ना कोई उपाय अवश्य निकालेंगे। सभी एक दूसरे से जान पहचान बढ़ाएंगे । जब मैंने संघ बनाया, एक उत्साह एक ख़ुशी थी मेरे चेहरे पर। कि अब सब अच्छा होगा। मै संघ की नींव रख रहा हूँ। कुछ समय बाद धीरे धीरे लोग संपर्क में आएंगे। विचार विमर्श किया करेंगे। *शलभ ठाकुर*, जो मेरे मित्र है उन्होंने मेरा बहुत सहयोग किया। और *10 मार्च 2015* को हमने *युवा समाज सुधारक संघ* के नाम से ये संघ whatsapp पर बनाया। उस पल एक पल के लिए भी मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल या स्वार्थ नही आया कि मै ऐसा करके फेमस हो जाऊंगा। और ना जी आज भी ऐसा कोई ख्याल मेरे दिल में है। मेरी संघ से

जीवन की सीख

"युवा समाज सुधारक संघ" स्कूल टीचर ने बोर्ड पर लिखा: 9×1=7 9×2=18 9×3=27 9×4=36 9×5=45 9×6=54 9×7=63 9×8=72 9×9=81 9×10=90 लिखने के बाद बच्चों को देखा तो बच्चे शिक्षक पर हंस रहे थे, क्योंकि पहली लाइन गलत थी। फिर शिक्षक ने कहा: "मैंने पहली लाइन किसी उद्देश्य से गलत लिखी है क्यूंकि मैं तुम सभी को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण सिखाना चाहता हूं। दुनिया तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी..! तुम देख सकते हो कि मैंने 9 बार सही लिखा है पर किसी ने भी मेरी तारीफ नहीं की..?? पर मेरी सिर्फ एक ही गलती पर तुम लोग हंसे और मुझे क्रिटिसाइज भी किया।" तो यही नसीहत है : दुनिया कभी भी आपके लाख अच्छे कार्यों को एप्रीशिएट (appreciate) नहीं करेगी, परन्तु आपके द्वारा की गई एक गलती को क्रिटिसाइज (criticize) जरूर करेगी। -ये एक कटु सत्य है https://yuva-ss-sangh.blogspot.com

क्या ये ही है जिंदगी

जीवन के *20* साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई *नोकरी* की खोज । ये नहीं वो , दूर नहीं पास । ऐसा करते करते *2 .. 3* नोकरियाँ छोड़ने एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई। फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का *चेक*। वह *बैंक* में जमा हुआ और शुरू हुआ अकाउंट में जमा होने वाले *शून्यों* का अंतहीन खेल। *2- 3* वर्ष और निकल गए। बैंक में थोड़े और *शून्य* बढ़ गए। उम्र *27* हो गयी। और फिर *विवाह* हो गया। जीवन की *राम कहानी* शुरू हो गयी। शुरू के *2 ..  4* साल नर्म , गुलाबी, रसीले , सपनीले गुजरे । हाथो में हाथ डालकर घूमना फिरना, रंग बिरंगे सपने। *पर ये दिन जल्दी ही उड़ गए*। और फिर *बच्चे* के आने ही आहट हुई। वर्ष भर में *पालना* झूलने लगा। अब सारा ध्यान बच्चे पर केन्द्रित हो गया। उठना - बैठना, खाना - पीना, लाड - दुलार । समय कैसे फटाफट निकल गया, पता ही नहीं चला। *इस बीच कब मेरा हाथ उसके हाथ से निकल गया, बाते- करना घूमना - फिरना कब बंद हो गया दोनों को पता ही न चला*। *बच्चा* बड़ा होता गया। वो *बच्चे* में व्यस्त हो गयी, मैं अपने *काम* में । घर और गाडी की *क़िस्त*, बच्चे की जिम्मेदारी, शिक्षा और भविष्य की सुविधा

हृदय स्पर्श करने वाली कहानी

"युवा समाज सुधारक संघ" एक पाँच छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मंदिर के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर भगवान से न जाने क्या मांग रहा था । कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे । बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था । जैसे ही वह उठा एक अजनबी ने बढ़ के उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा और पूछा : - "क्या मांगा भगवान से" उसने कहा : - "मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग, मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र, मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे".. "तुम स्कूल जाते हो"..? अजनबी का सवाल स्वाभाविक सा सवाल था । हां जाता हूं, उसने कहा । किस क्लास में पढ़ते हो ? अजनबी ने पूछा नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ । बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है । बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था । "तुम्हारा कोई रिश्तेदार" न चाहते हुए भी अजनबी बच्चे से