2015 तक जापान में देर रात तक नाचना मना था।
जापान में एक ऐसी बिल्डिंग भी है जिसके बीच से हाइवे गुजरता है।
जापान चारों और से समुंदर से घिरा होने के बावजूद भी 27 प्रतीशत मछलियां दूसरे देशों से मंगवाता है.
काली बिल्ली को जापान में भाग्यशाली माना जाता है।
जापान में 90% “Mobile WaterProof” है क्योकिं ये लोग नहाते समय भी फोन यूज करते है।
जापान में 70 तरह की “fanta” मिलती है।
जापान में सबसे ज्यादा सड़के ऐसी है जिनका कोई नाम नही है।
जापानियो के पास “Sorry” कहने के 20 से ज्यादा तरीके है।
जापान दुनिया का सबसे बड़ा आॅटोमोबाइल निर्माता है।
साल 2011 में जापान में जो भूकंप आया था वह आज तक का सबसे तेज भूकंप था। इस भूकंप से पृथ्वी के “घूमने की गति” में 1.8 microseconds की वृद्धि हुई थी।
जापान दुनिया का केवल एकलौता देश है जिस पर “परमाणु बमों” का हमला हुआ है. जैसा कि आप जानते ही है कि अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त 1945 में हीरोशिमा और नागाशाकी पर बम फेंके थे. इन बमों को little-boy और Fat-man नाम दिया गया था.
एक पुरानी सी इमारत में वैद्यजी का मकान था। पिछले हिस्से में रहते थे और अगले हिस्से में दवाख़ाना खोल रखा था। उनकी पत्नी की आदत थी कि दवाख़ाना खोलने से पहले उस दिन के लिए आवश्यक सामान एक चिठ्ठी में लिख कर दे देती थी। वैद्यजी गद्दी पर बैठकर पहले भगवान का नाम लेते फिर वह चिठ्ठी खोलते। पत्नी ने जो बातें लिखी होतीं, उनके भाव देखते , फिर उनका हिसाब करते। फिर परमात्मा से प्रार्थना करते कि हे भगवान ! मैं केवल तेरे ही आदेश के अनुसार तेरी भक्ति छोड़कर यहाँ दुनियादारी के चक्कर में आ बैठा हूँ। वैद्यजी कभी अपने मुँह से किसी रोगी से फ़ीस नहीं माँगते थे। कोई देता था, कोई नहीं देता था किन्तु एक बात निश्चित थी कि ज्यों ही उस दिन के आवश्यक सामान ख़रीदने योग्य पैसे पूरे हो जाते थे, उसके बाद वह किसी से भी दवा के पैसे नहीं लेते थे चाहे रोगी कितना ही धनवान क्यों न हो। एक दिन वैद्यजी ने दवाख़ाना खोला। गद्दी पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करके पैसे का हिसाब लगाने के लिए आवश्यक सामान वाली चिट्ठी खोली तो वह चिठ्ठी को एकटक देखते ही रह गए। एक बार तो उनका मन भटक गया। उन्हें अपनी आँखों के सामने तारे चमकते हुए नज़र आए किन्त...
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