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मेहनत

*"युवा समाज सुधारक संघ"*

देश दुनिया के प्रसिध्य लोगों ने अपनी मेहनत परिश्रम के बल से ही दुनिया को ये अद्भुत चीजें दी है.
आज हमारे महानप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को ही देखिये, ये हफ्ते में सातों दिन 17-18 घंटे काम  करते है, ये न कभी त्योहारों, न पर्सनल काम के लिए छुट्टी लेते है. देश का इतना बड़ा आदमी जिसे किसी को छुट्टी केलिए जबाब न देना पड़े, वह तक परिश्रम करने से पीछे नहीं हटता है. देश को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गाँधीने जी जान रात दिन एक करके मेहनत की और आज इसका फल है कि हम आजाद है. कड़ी मेहनत एक कीमत है, जो हम सफलता पाने के लिए भुगतान करते है और जिससे जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आती है.
*क्या है परिश्रम (What is parishram )?*
शारीरिक व मानसीक रूप से किया गया काम परिश्रम कहलाता है. ये काम हम अपनी इच्छा के अनुसार चुनते है, जिसे लेकर हम अपने उज्जवल भविष्य की कामना करते है. पहले श्रम का मतलब सिर्फ शारीरिक श्रम होता था, जो मजदूर या लेबर वर्ग करता था. लेकिनअब ऐसा नहीं है, श्रम डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, राजनैतिज्ञ, अभिनेता-अभिनेत्री, टीचर, सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों में काम करने वाला हर व्यक्ति श्रम करता है.
*परिश्रम की परिभाषा (definition of parishram)-*
कामयाब व्यक्ति के जीवन से हम परिश्रम के बारे में अधिक जान सकते है, उनके जीवन से हमेंइसकी सही परिभाषा समझ आती है. तो चलिए हम आज आपको कुछ बातें बता रही है, जो मेहनती व्यक्ति अपने जीवन में अपनाता है, और सफलता का स्वाद चखता है. यही बातें/आदर्श हम अपने जीवन में उतार कर सफल हो सकते है..समय की बर्बादी न करें –कई लोग आलस का दामन थामे रहते है, वे लोग परिश्रम करने की जगह आराम से धीरे-धीरे काम करके जीवन बिताना चाहते है. परिश्रमी व्यक्ति कभी भी समय की बर्बादी में विश्वास नहीं रखता, वह निरंतर काम करते रहने में विश्वास रखता है. समय की बर्बादी आलसी, लोगों की निशानी है. कई बार ऐसा भी होता है कि परिश्रम करते रहने से भी मन मुताबित फल नहीं मिलता है, या फल मिलने में देरी होती है. लेकिन इस बात से हार मानकर नहीं बैठना चाहिए. परिश्रम व काम पर विश्वास से सही समय पर सही चीज मिल ही जाती है.
*धन के पीछे न भागें –*
परिश्रम का ये मतलब नहीं है कि, पैसा कमाने की होड़ मेंलगे रहें. धन हमारी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा है, लेकिन धन ही ज़िन्दगी नहीं होती है. धन के पीछे परिश्रम करने से दुनिया की सुख सुविधा तो मिलती है, लेकिनकई बार मन की शांति नहीं मिलती. परिश्रम का ये मतलब नहीं कि आप ज़िन्दगी जीना छोड़ दें, और पैसे कमाने में लग जाएँ. परिश्रम करते हुए, अपने लोगों को साथ लेकर जीवन में आगे बढ़े. ज़िन्दगी जीने का नाम है, यहाँ हर वक्त खुश, मौज मस्ती करते रहें|
*इच्छा अनुसार ही काम चुने –*
कुछ लोग बेमन से काम करते है, जिससे वे अपना 100% उस काम में नहीं देते है. ऐसे लोग किसी और की इच्छा के अनुसार ये काम चुन लेते है, जिससे उन्हें एक दबाब महसूस होता है, और वे लोग काम में परिश्रम करने की जगह बस नाम के लिए ऐसे ही काम करते है. हमें अपनी इच्छा के अनुसार ही काम करना चाहिए, तभी उसे पुरे मन व लगन से कर पायेंगे. काम में मन लगेगा तभी हम खुद से परिश्रम करने की भी इच्छा रखेंगें.
*असफलता से हार न माने –*सफल व्यक्तियों के जीवन को देखें तो जानेगें, उन्हेंपहली बार में ही सफलता नहीं मिली थी. निरंतर प्रयास से वे अपने मुकाम तक पहुंचे थे. उदाहरण के तौर पर अगरशाहरुख़ खानफिल्मों में आने से पहले ही ये सोच लेता कि उसे यहाँ काम मिलेगा ही नहीं तो वह आज इतना बड़ा स्टार न बनता. अगरधीरुभाई अम्बानी उस छोटी सी कुटिया में बस बैठे रहते, मेहनत न करते तो आज इतनाबड़ा अम्बानी का कारोबार न होता. अगर अब्राहम लिंकन परिश्रम न करता, स्ट्रीट लाइट में बैठकर पढाई न करते तो वे अमेरिका के राष्ट्रपति कभी न बन पाते. नरेंद्र मोदी जी परिश्रम न करते तो आज चाय की ही दुकान में बैठे होते.
ये महान हस्तियाँ हमें यही सिखाती है कि हार कर घर नहीं बैठो, बल्कि उठो आगे बढ़ो,क्यूंकि हर सुबह उम्मीद की एक नयी किरण लाती है. हमें नया दिन मिला है, मतलब परमेश्वर के पास अभी भी हमारे लिए एक अच्छी योजना है, जो हमारे भलाई के लिए है, नकि हमें नष्ट करने के लिए. परिश्रम के बल पर दुनिया में हर चीज संभव है.
.परिश्रम से एक न एक दिन *सफलता जरुर मिलती है –*
आज हम अगरविज्ञान के इतने चमत्कारदेख पा रहे है, तो ये मानव जाति के परिश्रम का ही फल है. विज्ञान की तरक्की की वजह से आज हम चाँद में अपना कदम रख चुके है, व मंगल गृह पर अपना घर बसाने वाले है. देश विदेश में तरक्की भी वहां रहने वाले नागरिकों की वजह से होती है. पूरी दुनिया में विकसित व विकासशील देश है. ये सब परिश्रमी व्यक्तियों की वजह से ही यहाँ तक पहुँच पायें है. अमेरिका, चीन, जापान जैसे देशों के साथ आज हमारे भारत का नाम भी लिया जाता है, जो जल्द ही विकसित देशों की लिस्ट में आने लगेगा. जापान में हुए परमाणु बम विस्फोट के बाद, कुछ साल पहले आये विशाल भूकंप के बाद उसके अपने आप को फिर खड़ा किया, ये सब परिश्रम की वजह से संभव हो सका है.
*परिश्रम के फायदे/लाभ (Parishram benefits)–*.
आपको जीवन की सारी सुख सुविधा मिलेंगी, लक्ष्मी की प्राप्ति होगी. आज के समय में धन जिसके पास है, वो दुनिया की हर सुख सुविधा खरीद सकता है.
.परिश्रम से मानसिक व शारीरिक चुस्ती मिलती है. आज के समय में परिश्रम नहीं करने पर बहुत सी बीमारियाँ शरीर में घर  कर लेती है. इसलिए फिर तंदरुस्ती, स्फूर्ति के लिए शारीरिक श्रम करने को बोला जाता है, जिस वजह से लोग फिर जिम में भी समय बिताने लगते है. मानसिक विकास के लिए उसका परिश्रम करते रहना बहुत जरुरी है, इसी के द्वारा लोगों ने नए नए अनुसन्धान दुनिया में किये है.परिश्रम से हमारे जीवन में व्यस्ता रहती है, जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक बातें हमारे जीवन में नहीं आ पाती, व इससे मन अंदर से शांति महसूस करता है.परिश्रमी व्यक्ति हमेंशा सफलता की ओर अग्रसर रहता है, और समय समय पर उसे सफलताका स्वाद भी चखने को मिलता है.आलसी व्यक्ति हमेंशा दुखी, परेशान होता है, वह अपने जीवन को कोसता ही रहता है. वह यहाँ वहां की शैतानी बातें सोचकर दुखी रहता है. वह अपने हर काम के लिए दूसरों परनिर्भर रहना पसंद करता है, उसे लगता है, कोई और उसकी जगह मेहनत कर दे. लेकिन ये दुनिया का सबसे बढ़ा सच है कि अपना बोझ व्यक्ति को स्वयं उठाना पड़ता है, उसे अपनेजीवन में आगे बढ़ने के लिए खुद ही परिश्रम करना होगा, इसमें उसकी मदद कोई भी नहींसकता.
परिश्रमी के जीवन में प्रसन्नता, शांति, सफ़लता बनी रहती है.

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