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एक विचार

*आज तो ये पढ़ना ही पड़ेगा चाहे कितना भी समय लगे।*

आपको अपनी एक बात बताता हूँ।
जब मैंने इस संघ को बनाने के बारे में सोचा ।
उस समय मै सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये जो नवयुवको की सोच में एक सदिश बदलाव लाये।
उनको आगे बढ़ने को प्रेरित करे। उन्हें स्वरोजगारी बनाये।
जीवन की हर विपरीत परिस्तिथि को झेलने की क्षमता उनको मिले। हर किसी को अपनी बात को कहने की आजादी हो, अगर किसी को कोई प्रिब्लेम आये तो तो संघ में साझा करें, संघ के सदस्ये उनकी समस्या का कोई ना कोई उपाय अवश्य निकालेंगे।
सभी एक दूसरे से जान पहचान बढ़ाएंगे ।
जब मैंने संघ बनाया, एक उत्साह एक ख़ुशी थी मेरे चेहरे पर। कि अब सब अच्छा होगा।
मै संघ की नींव रख रहा हूँ।
कुछ समय बाद धीरे धीरे लोग संपर्क में आएंगे। विचार विमर्श किया करेंगे। *शलभ ठाकुर*, जो मेरे मित्र है उन्होंने मेरा बहुत सहयोग किया। और *10 मार्च 2015* को हमने *युवा समाज सुधारक संघ* के नाम से ये संघ whatsapp पर बनाया।
उस पल एक पल के लिए भी मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल या स्वार्थ नही आया कि मै ऐसा करके फेमस हो जाऊंगा। और ना जी आज भी ऐसा कोई ख्याल मेरे दिल में है।
मेरी संघ से जो उम्मीद थी आज भी वोही है। बस हौसला आप लोगो की वजह से कमजोर हो गया।
पर मैं हिम्मत नही हारूँगा।
मेरे आदर्श, मेरे गुरूजी *श्री कुमार सामर्थ* जो इस संघ में है। उन्होंने मुझे ऐसी बहुत सी बातें सिखायी है जीवन की,जो मै कभी भूल नही सकता।
मुझे इतने अच्छे अच्छे विचार वाले लोग मिले जिनसे कभी कहीं मिलने पर बस 1 या 2 मिनट बात होती थी।
सोचा इनको संघ में ऐड करूँ, इनसे बाते भी होंगी और इनके  विचार भी सबके सामने आएंगे।
लेकिन यहाँ तो उनके एक मैसेज का भी अत पता नही।
कुछ ऐसे है जो निरंतर संघ में मेसेज करते रहते है।
जैसे *विशाल जी* *शैलेंद्र तोमर जी*(ये मेरे जीजा जी है) *अंकुर ठाकुर * *महावीर तोमर*(ये मेरे बड़े भैया है) *अवनीश मास्टर साब* *जीवन जी* *जोनी जी* और हाल ही में मुझे एक बहुत प्यारे से दोस्त मिले *मुकुल तोमर*। इनका योगदान तो सराहनीय है।
इन्होंने संघ के महत्त्व को समझा।

बस आप सब से निवेदन है कि संघ को समझिये।
यहाँ संघ में इस समय मात्र 39 सदस्य है।
उनमे से सिर्फ 7-8 है जो मेसेज करते है।
बाकी के सिर्फ देख कर और पढ़ कर छोड़ देते है।
मै कुछ को संघ में उनके नाम और चेहरे से नही जानता पर उनके व्यवहार से जनता हूँ।
मुझे ये लिखने में समय लग तो आप ये मत समझना कि इसको कोई और काम नही है।
ये इसलिए लिखा है क्योंकि *इंसान जब कोई सपना देखता है तो उसको पूरा करने के लिए नींद तक को दांव पर लगाना पड़ता है*
ऐसे ऐसे बहुत से लेख मै लिख सकता हूँ।
बस आपको ये समझ आज्ञा चाहिए कि इस लेख का और इस संघ का उद्देश्य क्या है।

अगर आपको लगता है कि संघ में कुछ बदलाव की जरुरत है तो बताइए ।
*अच्छे वचन तो दीवारों पर भी लिखे होते है, लेकिन वो वचन जब जुबान से बोले जाये तो उनमें सुंदरता आ जाती है*
उसी प्रकार फोरवॉर्डेड मेसेज को आप अगर खुद से ही अपने शब्दो में भेजेंगे तो उसमें अपार मिठास आ जायेगी।
कुछ भी भेजो पर प्रतिदिन भेजो।

*आपको लेख ये कैसा लगा और आपकी समझ में क्या कुछ आया,आपकी टिप्पणी(कमेंट) जरूर आनी चाहिए।

यहाँ की अच्छी अच्छी पोस्ट इसके ब्लॉगर
https://yuva-ss-sangh.blogspot.com

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