"युवा समाज सुधारक संघ"
एक बार दो व्यक्ति जंगल के रास्ते से गुजर रहे थे तभी उन्हें एक जंगली कुत्ता एक जाल में फँसा हुआ दिखाई दिया जो उससे निकलने की कोशिश कर रहा था पर निकल नहीं पा रहा था | तभी उन दोनों व्यक्तियों में से एक ने सोचा की उस कुत्ते की मदद की जाए और उसने रुककर उस कुत्ते की तरफ हाथ बढ़ाया पर वह कुत्ता उस व्यक्ति से डर रहा था और उसे ही गुर्रा रहा था पर फिर भी उस व्यक्ति ने उसकी मदद ज़ारी रखी तभी उसे दुसरे व्यक्ति ने उस कुत्ते की मदद करने से भी रोका पर वह नहीं माना और उसे हाथ में चोट भी लग गई पर उसने उस कुत्ते को जाल से आज़ाद कर दिया और दोनों व्यक्ति वहां से निकल गए |
कुछ दिनों बाद, वही व्यक्ति उसी जंगल से जा रहा था अचानक ही उसे दो चोरो ने घेर लिया और उस व्यक्ति को सभी सामान देने को कहा | तभी वहां वही जंगली कुत्ता आ गया और उसने उन दोनों चोरो को बहुत भौका और काटा जिससे दोनों भाग गए क्यूंकि वह कुत्ता उस व्यक्ति को पहचान गया था और उसने उस व्यक्ति की मदद के बदले उसकी सहायता की |
कहानी से प्रेरणा :-
सच्ची और अच्छी भावना का फल हमेशा सुखद होता हैं | अगर वह व्यक्ति उस कुत्ते की मदद नहीं करता तो उसे चोर लूट लेते लेकिन उसका निश्पष्क भावना ने उसे सुखद फल दिया |
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एक पुरानी सी इमारत में वैद्यजी का मकान था। पिछले हिस्से में रहते थे और अगले हिस्से में दवाख़ाना खोल रखा था। उनकी पत्नी की आदत थी कि दवाख़ाना खोलने से पहले उस दिन के लिए आवश्यक सामान एक चिठ्ठी में लिख कर दे देती थी। वैद्यजी गद्दी पर बैठकर पहले भगवान का नाम लेते फिर वह चिठ्ठी खोलते। पत्नी ने जो बातें लिखी होतीं, उनके भाव देखते , फिर उनका हिसाब करते। फिर परमात्मा से प्रार्थना करते कि हे भगवान ! मैं केवल तेरे ही आदेश के अनुसार तेरी भक्ति छोड़कर यहाँ दुनियादारी के चक्कर में आ बैठा हूँ। वैद्यजी कभी अपने मुँह से किसी रोगी से फ़ीस नहीं माँगते थे। कोई देता था, कोई नहीं देता था किन्तु एक बात निश्चित थी कि ज्यों ही उस दिन के आवश्यक सामान ख़रीदने योग्य पैसे पूरे हो जाते थे, उसके बाद वह किसी से भी दवा के पैसे नहीं लेते थे चाहे रोगी कितना ही धनवान क्यों न हो। एक दिन वैद्यजी ने दवाख़ाना खोला। गद्दी पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करके पैसे का हिसाब लगाने के लिए आवश्यक सामान वाली चिट्ठी खोली तो वह चिठ्ठी को एकटक देखते ही रह गए। एक बार तो उनका मन भटक गया। उन्हें अपनी आँखों के सामने तारे चमकते हुए नज़र आए किन्त...
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