"अक्सर सुना जाता है कि अब दुनिया बदल गई है...!! पर जरा सोचिये..**🌺" क्या बदला है जमाने में ?*
*➖"मिरची ने अपनी तिखाश नहीं बदली,*
*➖आम ने अपनी मिठास नहीं बदली,*
*➖पत्तों ने अपना हरा रंग नहीं बदला,*
*➖चिडियों ने चहकना नहीं छोडा,*
*➖फूलों ने महकना नहीं छोडा। "*
*➖ईश्वर ने अपनी दयालुता हमेशा दि..*
*➖प्रकृति ने अपनी कोमलता नहीं बदली...
**बदलीं हैं तो इंसान ने अपनी इंसानियत ,*
*🍃और दोष देता हैं पूरी दुनिया को...!*
*➖" दुनिया सतयुग में भी ऐसी ही थी,*
*➖त्रेता में भी, द्धापर में भी, और कलयुग में भी।**बदला है तो सिर्फ इन्सान बदला,*
*👌या इन्सान की सोच बदली है।*
* *
यह वीडियो सत्य का स्वरूप है। हमारा जीवन अब एसे ही नष्ट हो रहा है। हमें बृक्ष अधिक से अधिक लगाने की अती आवश्यकता है। हमें वृक्ष लगाने में रूचि लेनी चाहिए। -सुबोध चौहान चांदपुर
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