"युवा समाज सुधारक संघ"
एक दिन स्कूल टीचर ने बोर्ड पर लिखा :
9×1=7
9×2=18
9×3=27
9×4=36
9×5=45
9×6=54
9×7=63
9×8=72
9×9=81
9×10=90
जब उन्होने पूरा लिख लिया, उन्होने विद्यार्थियों की तरफ देखा और पाया कि सभी विद्यार्थी उन पर हँस रहे हैं, क्योंकि प्रथम गुणांक गलत था !
फिर टीचर ने कहा कि,
"मैने पहला वाला जान बूझ कर गलत लिखा , क्योंकि मै चाहती थी कि *आप आज बहुत महत्वूर्ण बात सीखें.*
मैं चाहती थी कि आप जानें कि संसार में आप के साथ कैसा व्यवहार होगा . आपने देखा, कि मैने *नौ बार सही लिखा* ,पर किसी ने मुझे इसके लिये बधाई नही दी ;
अपितु मेरी *एक गलती* पर आप सभी हँसे,और मेरा उपहास किया.
*यही सीख है*...:
यह संसार आपकी हजार बार अच्छाई की तारीफ नही करेगा ,परन्तु आपके द्वारा की गयी गलती की आलोचना (उपहास) अवश्य करेगा ...
परन्तु इससे आपको हताश व निराश होने की आवश्यकता नही है ,
*सदैव उपहास व आलोचना से ऊपर उठें मजबूत बनें*
यह वीडियो सत्य का स्वरूप है। हमारा जीवन अब एसे ही नष्ट हो रहा है। हमें बृक्ष अधिक से अधिक लगाने की अती आवश्यकता है। हमें वृक्ष लगाने में रूचि लेनी चाहिए। -सुबोध चौहान चांदपुर
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