"युवा समाज सुधारक संघ"
*कछुआ और ख़रगोश की वो कहानी जो आपने नहीं सुनी..*
(अंत तक पढ़ियेगा plz 🙏🏻🌹)
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आपने कछुए और ख़रगोश की कहानी ज़रूर सुनी होगी,
Just to remind you;
short में यहाँ बता देता हूँ:
_एक बार ख़रगोश को अपनी तेज़ चाल पर घमंड हो गया और वो जो मिलता उसे रेस लगाने के लिए challenge करता रहता.._
_कछुए ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली.._
_रेस शुरू हुई, ख़रगोश तेज़ी से भागा और काफी आगे जाने पर पीछे मुड़ कर देखा, कछुआ कहीं आता नज़र नहीं आया.._
_उसने मन ही मन सोचा कछुए को तो यहाँ तक आने में बहुत समय लगेगा, चलो थोड़ी देर आराम कर लेते हैं,_
_और वह एक पेड़ के नीचे लेट गया.._
_लेटे-लेटे कब उसकी आँख लग गयी पता ही नहीं चला.._
_उधर कछुआ धीरे-धीरे मगर लगातार चलता रहा। बहुत देर बाद जब खरगोश की आँख खुली तो कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुँचने वाला था.._
_ख़रगोश तेजी से भागा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और कछुआ रेस जीत गया.._
*Moral of the story: Slow and steady wins the race..*
*धीमा और लगातार चलने वाला रेस जीतता है..*
ये कहानी तो हम सब जानते हैं, अब आगे की कहानी देखते हैं:
_रेस हारने के बाद खरगोश निराश हो जाता है, वो अपनी हार पर चिंतन करता है और उसे समझ आता है कि वो *over-confident* होने के कारण ये रेस हार गया.._
_उसे अपनी मंज़िल तक पहुँच कर ही रुकना चाहिए था.._
_अगले दिन वो फिर से कछुए को दौड़ की चुनौती देता है.._
_कछुआ पहली रेस जीत कर आत्मविश्वाश से भरा होता है और तुरंत मान जाता है.._
_रेस फ़िर शुरू होती है, इस बार ख़रगोश बिना रुके अंत तक दौड़ता जाता है, और कछुए को एक बहुत बड़े अंतर से हराता है.._
*Moral of the story: Fast and consistent will always beat the slow and steady..*
*तेज और लगातार चलने वाला धीमे और लगातार चलने वाले से हमेशा जीत जाता है..*
*यानि slow and steady होना अच्छा है, लेकिन fast and consistent होना और भी अच्छा है..*
~कहानी अभी बाकी है साहब..~
_इस बार कछुआ कुछ सोच-विचार करता है और उसे ये बात समझ आती है कि जिस तरह से अभी रेस हो रही है वो कभी-भी इसे जीत नहीं सकता.._
_वो एक बार फिर ख़रगोश को एक नयी रेस के लिए चैलेंज करता है, पर इस बार वो रेस का रूट अपने मुताबिक रखने को कहता है.._ _ख़रगोश तैयार हो जाता है.._
_रेस एक बार फ़िर शुरू होती है.._
_ख़रगोश तेज़ी से तय स्थान की और भागता है, पर उस रास्ते में एक तेज धार नदी बह रही होती है, बेचारे ख़रगोश को वहीँ रुकना पड़ता है.._
_कछुआ धीरे-धीरे चलता हुआ वहां पहुँचता है, आराम से नदी पार करता है और लक्ष्य तक पहुँच कर रेस फ़िर जीत जाता है.._
*Moral of the story: Know your core competencies and work accordingly to succeed..*
*पहले अपनी strengths को जानो और उसके मुताबिक काम करो, जीत ज़रुर मिलेगी..*
~कहानी अभी भी बाकी है साहब..~
_इतनी रेस करने के बाद अब कछुआ और ख़रगोश अच्छे दोस्त बन गए थे और एक दुसरे की ताक़त और कमज़ोरी समझने लगे थे.._
_दोनों ने मिलकर विचार किया कि अगर हम एक दुसरे का साथ दें, तो कोई भी रेस आसानी से जीत सकते हैं.._
_इसलिए दोनों ने आख़िरी रेस एक बार फिर से मिलकर दौड़ने का फैसला किया,_
_पर इस बार as a *Competitor* नहीं बल्कि as a *Team* काम करने का निश्चय लिया.._
_दोनों स्टार्टिंग लाइन पे खड़े हो गए.._
_Get set go, और तुरंत ही ख़रगोश ने कछुए को ऊपर उठा लिया और तेज़ी से दौड़ने लगा.._
_दोनों जल्द ही नदी के किनारे पहुँच गए.._
_अब कछुए की बारी थी, कछुए ने ख़रगोश को अपनी पीठ पर बैठाया और दोनों आराम से नदी पार कर गए.._
_अब एक बार फिर ख़रगोश कछुए को उठा फिनिशिंग लाइन की ओर दौड़ पड़ा और दोनों ने साथ मिलकर रिकॉर्ड टाइम में रेस पूरी कर ली.._
_दोनों बहुत ही ख़ुश और संतुष्ट थे, आज से पहले कोई रेस जीत कर उन्हें इतनी ख़ुशी नहीं मिली थी.._
_*Moral of the story: Team Work is always better than individual performance..*_
_*टीम वर्क हमेशा व्यक्तिगत प्रदर्शन से बेहतर होता है..*_
_*Individually चाहे हम जितने भी बड़े Performer हों, लेकिन अकेले दम पर हर मैच नहीं जीता सकते..*_
_*अगर लगातार जीतना है तो हमको टीम में काम करना सीखना होगा,*_
_*हमको अपनी क़ाबिलियत के आलावा, दूसरों की ताक़त को भी समझना होगा,*_
_*और जब जैसी Situation हो, उसके हिसाब से टीम की Strengths को Best Use करना होगा..*_
★ *फ़िर जीत सुनिश्चित है..* ★
_*{यह कहानी हमारे सारे अपनों, अज़ीज़ों और दोस्तों को समर्पित है, जिनके बिना हमारी कोई भी, छोटी सी छोटी, जीत संभव नहीं हो सकती..*__
🙏🏻😌🇮🇳💝🌹👍🏻👍🏻
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