"युवा समाज सुधारक संघ"
🚶🏽सच्ची मित्रता 🏃🏿
💞💞💞💞💞💞
✨पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया..
जब दूध ने पानी का त्याग देखा तो उसने कहा-
मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे स्वरुप को धारण किया है....
अब मैं भी मित्रता निभाऊंगा और तुम्हे अपने मोल बिकवाऊंगा।
दूध बिकने के बाद
जब उसे उबाला जाता है
तब पानी कहता है..
अब मेरी बारी है मै मित्रता निभाऊंगा
और तुमसे पहले मै चला जाऊँगा..
दूध से पहले पानी उड़ जाता है
जब दूध मित्र को अलग होते देखता है
तो उफन कर गिरता है और आग को बुझाने लगता है,
जब पानी की बूंदे उस पर छींट कर उसे अपने मित्र से मिलाया जाता है तब वह फिर शांत हो जाता है।
पर
इस अटूट प्रेम में..
थोड़ी सी खटास-
(निम्बू की दो चार बूँद)
डाल दी जाए तो
दूध और पानी अलग हो जाते हैं..
थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम, रिश्ते को भी मिटा सकती है।
रिश्ते में..
खटास मत आने दो॥
"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने घर,
कितनी जमीन हैं,
खानी तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।
तो फिर इतना अंहकार और घमण्ड किस लिए,
ना कुछ साथ लाये थे,
ना कुछ साथ लेकर जायेगे।
मिट्टी से बना इंसान मिट्टी में मिल जाएगा,
सारा अहंकार और घमण्ड मिट्टी में मिल जाएगा ।।
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