-मेरी कलम से
दूर चला गया वो जमाना जब
लोग कहते थे हमारे यहाँ रुक कर जाना।
वो पुरानी यादें वो पुरानी बातें
अच्छे संस्कार, वो बड़ो का प्यार।
एक याद बना है सीने में, अब कहाँ मज़ा है जीने में।
ना वो संस्कार है ना वो सत्कार है
आज के इंसान को बस पैसे से प्यार है।
ना कोई पूछता है हाल बिना मतलब के,
ये सब समय की चाल है।
सच में दूर चला गया वो जमाना।
कुछ ऐसा मेरा ख्याल है
✍🏻अनिकेत तोमर
Yuva-ss-sangh.blogspot.com
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