जिस प्रकार बर्फी बनाते हुए हलवाई की कढाई में पङी मक्खी भी बर्फी बन जाती है
जिस प्रकार चाय वाले की बीङी का गुल चाय में गिरकर चाय में परिवर्तित हो जाता है ।
ठीक उसी प्रकार ......
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..सज्जनों का साथ करने से मनुष्य भी शनै शनै सज्जन हो जाता है।
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इसलिए बाहर का खाते हुए सावधानी बरतें ॥
जनहित में जारी
यह वीडियो सत्य का स्वरूप है। हमारा जीवन अब एसे ही नष्ट हो रहा है। हमें बृक्ष अधिक से अधिक लगाने की अती आवश्यकता है। हमें वृक्ष लगाने में रूचि लेनी चाहिए। -सुबोध चौहान चांदपुर
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