"युवा समाज सुधारक संघ"
एक कछुआ यह सोचकर बड़ा दुखी रहता था कि पक्षीगण बड़ी आसानी से आकाश में उड़ा करते हैं , परन्तु मैं नही उड़ पाता । वह मन ही मन यह सोचविचार कर इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि यदि कोई मुझे एक बार भी आकाश में पहुँचा दे तो फिर मैं भी पक्षियो की तरह ही उड़ते हुये विचरण किया करूँ ।
एक दिन उसने एक गरूड़ पक्षी के पास जाकर कहा - भाई ! यदि तुम दया करके मुझे एक बार आकाश में पहुँचा दो तो मैं समुद्रतल से सारे रत्न निकालकर तुम्हे दे दुँगा । मुझे आकाश मे उड़ते हुऐ विचरण करने की बड़ी ईच्छा हो रही है ।
कछुए की प्रार्थना तथा आकांक्षा सुनकर गरुड़ बोला - ' सुनो भाई ! तुम जो चाहते हो उसका पूरा हो पाना असम्भव है क्योंकि अपनी क्षमता से ज्यादा आकांक्षा कभी पूरी नही हो पाती ।'
परन्तु कछुआ अपनी जिद पे अड़ा रहा , और बोला ! बस तुम मुझे एक बार उपर पहुँचा दो, मैं उड़ सकता हुँ, और उड़ुँगा और यदि नही उड़ सका तो गिरकर मर जाऊंगा, इसके लिये तुम्हे चिंता करने की जरुरत नही ।
तब गरुड़ ने थोड़ा सा हँसकर कछुए को उठा लिया और काफी उँचाई पर पहुँचा दिय । उसने कहा - 'अब तुम उड़ना आरम्भ करो ' इतना कहकर उसने कछुए को छोड़ दिया। उसके छोड़ते ही कछुआ एक पहाड़ी पर जा गिरा और गिरते ही उसके प्राण चले गये ।।
इसलिये नीति यही कहती है कि - 'पैर उतने ही पसारो जितनी चादर की लम्बाई हो'। अपनी क्षमता से ज्यादा आकांक्षा करने पर परिणाम वही निकलेगा जो कछुए को मिला|
-कुलदीप
*इसे पड़े और सेव कर सुरक्षित कर लेवे। वाट्सअप पर ऐसी पोस्ट बहोत कम ही आती है।👇* विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो का अनुसंधान ) ■ क्रति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग ■ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग ■ 2 त्रुति = 1 लव , ■ 1 लव = 1 क्षण ■ 30 क्षण = 1 विपल , ■ 60 विपल = 1 पल ■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) , ■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा ) ■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) , ■ 7 दिवस = 1 सप्ताह ■ 4 सप्ताह = 1 माह , ■ 2 माह = 1 ऋतू ■ 6 ऋतू = 1 वर्ष , ■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी ■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी , ■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग ■ 2 युग = 1 द्वापर युग , ■ 3 युग = 1 त्रैता युग , ■ 4 युग = सतयुग ■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग ■ 76 महायुग = मनवन्तर , ■ 1000 महायुग = 1 कल्प ■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ ) ■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म ) ■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म ) सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व...
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