Skip to main content

वाह रे पैसा

"युवा समाज सुधारक संघ"
वाह रे पैसा , तेरे कितने नाम !!!

मंदिर मे दिया जाये तो ( चढ़ावा ) ..,

स्कुल में ( फ़ीस ) ..,

शादी में दो तो ( दहेज ) ..,

तलाक देने पर ( गुजारा भत्ता ) ..,

आप किसी को देते हो तो ( कर्ज ) ..,

अदालत में ( जुर्माना )..,.

सरकार लेती है तो ( कर ) ..,

सेवानिवृत्त होने पे ( पेंशन ) ..,

अपहर्ताओ के लिएं ( फिरौती ) ..,

होटल में सेवा के लिए ( टिप ) ..,.

बैंक से उधार लो तो ( ऋण ) ..,

श्रमिकों के लिए ( वेतन ) ..,

मातहत कर्मियों के लिए ( मजदूरी ) ..,

अवैध रूप से प्राप्त सेवा ( रिश्वत ) ..,

और मुझे दोगे तो ( 😄👌गिफ्ट

😍😋😋👌)

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।

👉  *मैं पैसा हूँ:!*👈

मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:! आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।

👉  *मैं पैसा हूँ:!* 👈

मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।

👉  *मैं पैसा हूँ:!*👈

मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।

🙏*विचार कीजिए* 🙏

Comments

Popular posts from this blog

वृक्षो की कहानी।

यह वीडियो सत्य का स्वरूप है। हमारा जीवन अब एसे ही नष्ट हो रहा है। हमें बृक्ष अधिक से अधिक लगाने की अती आवश्यकता है। हमें वृक्ष लगाने में  रूचि लेनी चाहिए। -सुबोध चौहान चांदपुर

जीवन की सीख

"युवा समाज सुधारक संघ" स्कूल टीचर ने बोर्ड पर लिखा: 9×1=7 9×2=18 9×3=27 9×4=36 9×5=45 9×6=54 9×7=63 9×8=72 9×9=81 9×10=90 लिखने के बाद बच्चों को देखा तो बच्चे शिक्षक पर हंस रहे थे, क्योंकि पहली लाइन गलत थी। फिर शिक्षक ने कहा: "मैंने पहली लाइन किसी उद्देश्य से गलत लिखी है क्यूंकि मैं तुम सभी को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण सिखाना चाहता हूं। दुनिया तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी..! तुम देख सकते हो कि मैंने 9 बार सही लिखा है पर किसी ने भी मेरी तारीफ नहीं की..?? पर मेरी सिर्फ एक ही गलती पर तुम लोग हंसे और मुझे क्रिटिसाइज भी किया।" तो यही नसीहत है : दुनिया कभी भी आपके लाख अच्छे कार्यों को एप्रीशिएट (appreciate) नहीं करेगी, परन्तु आपके द्वारा की गई एक गलती को क्रिटिसाइज (criticize) जरूर करेगी। -ये एक कटु सत्य है https://yuva-ss-sangh.blogspot.com

गरीबी

"युवा समाज सुधारक संघ" एक अमीर आदमी अपने बेटे को लेकर गाँव गया, . ये दिखाने कि what is गरीबी : : : गाँव की गरीबी दिखाने के बाद बेटे से पूछा "देखा गरीबी..??" : : : बेटे ने जवाब दिया : हमारे पास 1 dog ........... उनके पास 10- 10 गाये है . हमारे पास नहाने का छोटा सा जगह है .. उनके पास. तालाब है . हमारे पास बिजली है.... उनके पास सितारे... . हमारे पास हवा मे' small place of .... उनके पास बडे बडे खेत...... . हम खाना डिब्बे का बासी खाते है.... वो उगा कर और ताजा तोडकर खाते है. . उनके पास अपने सच्चे मित्र है...... बस कंप्यूटर ही हमारा मित्र है . हमारे पास खुशियाँ खरीदने को पैसा है...... उनके पास खुशियाँ है पैसे की जरुरत ही नही . उनके पापा के पास बेटे के लिऐ समय है.... पापा आपके पास समय ...... नही है। : : : पापा एकदम चुप....चाप. . बेटे ने कहाँ ''Thanks पापा for showing me कि हम कितने गरीब है ।